जनमत भास्कर छिन्दवाड़ा:-जिले के आदिवासी भाइयों की निरंतर अवैध तरीके से भूमि हस्तांतरण पर मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गम्भीर चिंता जताते हुए इस पर तत्काल रोक लगाने हेतु मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने अहम पत्र में लिखा कि छिन्दवाड़ा संसदीय क्षेत्र में आदिवासियों की भूमि को बहुत ही कम मूल्य पर भू माफियाओं को हस्तांतरित किया जा रहा है,यह आदिवासियों के जीवन पर संकट है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री का ध्यानाकार्षण कराते हुए अपने अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 137 में लिखा कि छिन्दवाड़ा जिले के महत्वपूर्ण विषय की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। जिला छिन्दवाड़ा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है।जिले के जामई, तामिया,हर्रई,अमरवाड़ा, बिछुआ एवं पांढुर्ना जिला आदिवासी क्षेत्र है।जिले के सम्पूर्ण क्षेत्र में आदिवासी परिवार निवासरत है।अपनी भूमि पर कृषि कार्य कर गुजर-बसर करते हैं।अत्यंत दुख का विषय है कि वर्तमान में आदिवासियों की भूमि को ठगकर हड़पने का कार्य भू माफियाओं द्वारा छिन्दवाड़ा संसदीय क्षेत्र में किया जा रहा है।जिला प्रशासन द्वारा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर आदिवासी समुदाय के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है।

कमलनाथ ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लिखे अपने महत्वपूर्ण पत्र में आगे कहा कि आदिवासियों की जमीनों को बाजार मूल्य से बहुत ही कम दर पर अनुबंध कर क्रय-विक्रय कराया जाता है।विक्रय पत्र सम्पादन उपरांत भूमि का नामांतरण गैर आदिवासी व्यक्ति के नाम पर किया जाता है।भू-माफियाओं द्वारा आदिवासियों की भूमि का उपयोग रहवासी कॉलोनी बनाने अथवा व्यावसायिक उपयोग में ली जा रही है, जिससे आदिवासियों को बड़ा नुकसान हो रहा है।आदिवासी भूमिहीन न हो जाए इसलिए दिखावटी तौर पर आदिवासी से आदिवासी के नाम पर भूमि क्रय-विक्रय,अनुबंध पत्र प्रस्तुत किए जाते है जो कि आदिवासियों के हित में नहीं है,किन्तु जिला प्रशासन द्वारा कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है एवं आदिवासियों के हितों का संरक्षण नहीं किया जा रहा है।आदिवासी समुदाय भू-माफियाओं के शोषण का शिकार हो रहा है।

मप्र भू-राजस्व संहिता में आदिवासियों के भूमि अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रावधान है।उक्त प्रावधानों का उपयोग कर अन्य जिलों में आदिवासियों की अवैधानिक रूप से हस्तांतरित भूमि पुन: आदिवासियों को उपलब्ध कराई जाकर कब्जा दिलाया गया है।बुदनी क्षेत्र में इस तरह की कार्यवाही के सम्बंध में मुझे जानकारी दी गई है।जिला छिन्दवाड़ा में आदिवासी की भूमियों के हस्तांतरण के सम्बंध में निष्पक्ष जांच कराई जाकर आदिवासियों की भूमि को भू-माफियाओं से छुड़ाकर पुन: आदिवासियों को उपलब्ध कराया जाना अत्यंत आवश्यक है एवं विधि अनुसार है।

कमलनाथ ने पत्र के अंत में अनुरोध पूर्वक लिखा कि जिला छिन्दवाड़ा अंतर्गत आदिवासियों की भूमि हस्तांतरण के संबंध में प्रचलित उक्त कार्यवाही एवं प्रकरणों को निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कराइ जाए एवं संबंधितों के विरुध्द कड़ी कार्यवाही की जाए।आदिवासियों के हितों के संरक्षण हेतु वैधानिक प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराया जाए ताकि आदिवासी समुदाय अपनी भूमि का उपयोग खेती-बाड़ी एवं गुजर बसर हेतु सुनिश्चित कर सके।आदिवासी समुदाय के हितों के संरक्षण हेतु शीघ्र कार्यवाही की जाए।