जनमत भास्कर छिन्दवाड़ा:-भारतीय किसान संघ की जिला इकाई द्वारा आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया और मांगें पूरी नही होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी भी संघ द्वारा दी गई।ज्ञापन सौंपते वक़्त प्रांत मंत्री मेरसिंह,जिला अध्यक्ष रामराव लाडे,तहसील अध्यक्ष राजेश पाल,अनिल सूर्यवंशी सहित संघ के अन्य पदाधिकारी व किसान मौजूद थे।
इन 18 बिंदुओं को लेकर दिया गया ज्ञापन
1:-मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादक राज्य है,लागत के अनुपात में सोयाबीन का समर्थन मूल्य बहुत कम है,इसे कम से कम रू. 6000/- प्रति क्विंटल किया जाये। घोषित समर्थन मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित की जाए।
2:-कृषि उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिया जाए।
3:-देश की आत्मा कृषि का बजट अलग से बनाया जाए।
4:-केन्द्र सरकार बलराम जयंती को किसान दिवस घोषित करे।
5:-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसान हितैषी बने, इस हेतु नीति परिवर्तन के लिए केन्द्रीय स्तर की उच्च कमेटी, माननीय कृषि मंत्री की अध्यक्षता में गठित हो,जिसमें भारतीय किसान संघ की भागीदारी रहे कमेटी अपनी रिपोर्ट आगामी खरीफ फसल के समय लागू करवायें।
6:-देश में कृषि फसल उत्पादन एवं आवश्यकता के आंकड़ों के आधार पर किसान हित में आयात निर्यात नीति तय की जाए।
7:-सभी फसलों की खरीदी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए एवं लागत को जोड़ने की पद्धति में पारदर्शिता हो।
8:-शासन की मनरेगा योजना को कृषि से जोड़ा जाए।
9:-सभी जिलों में सर्वसुविधा युक्त कृषि महाविद्यालय होना चाहिए तथा छोटी सी कृषि विज्ञान विषय होना चाहिए।
10:-प्रत्येक विकासखण्ड, तहसील, मण्डी स्तर पर एक ऐसी लैब हो जिसमें किनशान खाद पवाई की जाप करवा सके, यदि खाद दवाई वगैरा में पूर्ण सत्य नहीं होने जा परीक्षण (स्वाईल हैल्थ कार्ड) दिखाया साबित होगा।
11:-जल नीति सन 2012 की अल नीति को हटाकर पानी का उपयोग पीने के लिए प्रथम तथा कृषि कार्य के लिए द्वितीय माना जाए। सभी खेतों को पानी मिले ऐसी व्यवस्था की जाए। पहाड़ों पर बांस बनाकर छोटे बड़े तालाब बनाए जाएं जिससे जामीन के अंदर अधिक पानी संग्रहित होगा।
12:-भारतीय गौवंश आधारित कृषि की प्रोत्साहित किया जाए जैविक खेती को ब्याले लिए देशी गौवंश का प्रोत्साहन नितांत आवश्यक है।
13:-जंगली जानवर एवं आवारा पशुओं से फसलों में होने वाले नुकसान की अति दी जाए, किन्सानों को फैसिग के लिए 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाए।
14:-देश के किसानों को सब्जी परिवहन हेतु यात्री ट्रेनों में दो चोडिन बोगी लगाई जाए।
15:-सभी फसल हेतु फूड प्रोसेसिंग प्लांट लघु उद्योग ग्राम स्तर पर अधिक अनुदान देकर लगवाए जाएं तथा किसानों को प्रशिक्षण दिये जाएं। लघु उद्योग में बिजली कर एकोज बिल बंद कर खपत के आधार पर दिया जाए।
16:-बैंकिंग राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा किसानों को वोडिट कार्ड पर रु. 500000/ बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध करवाया जाए उससे ऊपर की लिमिट सीमा हटाई जाए। ग्रामों में निवासरत किसानों को उद्योग व्यवसाय तथा गृह निर्माण हेतु ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
17:-नाबार्ड द्वारा संचालित बैंकों की व्यवस्था को आधुनिकीकरण किया जाए। बैंकों से जुड़ी ग्रामीण स्तर की सहकारी संस्थाओं को बैंक प्रणाली(कियोस्क) से जोड़कर छोटी बैंक बनाई जाए।
18:-राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखा बढ़ाई जाए तथा सभी बैंकों में हिन्दी में कार्य हो।