जनमत भास्कर छिंदवाड़ा:-भाजपा जिलाध्यक्ष शेषराव यादव द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव की जागरूकता के लिए जिला कार्यालय मंत्री अल्केश लाम्बा को जिला संयोजक एवं अधिवक्ता पीयूष शर्मा को सह संयोजक नियुक्त किया गया है।

जिला संयोजक अलकेश लम्बा ने बताया कि उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति रोहित आर्य 29 मार्च को छिंदवाड़ा आयेंगे। श्री लाम्बा ने बताया कि उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति रोहित आर्य मध्य प्रदेश भाजपा के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पैनल के लिए के प्रदेश समन्वयक हैं।

श्री लाम्बा ने बताया कि सांसद बंटी विवेक साहू के मुख्य आतिथ्य में एवं भाजपा जिलाध्यक्ष शेषराव यादव की अध्यक्षता में एक राष्ट्र एक चुनाव पर राष्ट्रव्यापी विचार एवं परामर्श सम्मेलन का आयोजन 29 मार्च दिन शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से मोहन नगर स्थित सतपुड़ा लॉ कॉलेज में किया गया है।इस सम्मेलन को मुख्य वक्ता के रूप में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति रोहित आर्य संबोधित करेंगे। एक राष्ट्र, एक चुनाव जिला संयोजक अलकेश लम्बा ने जिले के निवासियों से इस कार्यक्रम में शामिल होने और न्यायमूर्ति रोहित आर्य के प्रभावशाली वक्तव्य को सुनकर लाभान्वित होने का आग्रह किया है।

कौन है पूर्व न्यायमूर्ति रोहित आर्य

न्यायमूर्ति रोहित आर्य,मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ग्वालियर पीठ के न्यायाधीश,ने 12-09-2013 को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और 26-03-2015 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। न्यायमूर्ति रोहित आर्य का जन्म 28 अप्रैल1962 को हुआ था।न्यायमूर्ति रोहित आर्य अगस्त 1984 में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए तथा 26 अगस्त,2003 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किए गए।न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने 29 से अधिक वर्षों तक सिविल कानून, वाणिज्यिक (कॉर्पोरेट फिड्युसरी, आदि), मध्यस्थता (अंतरराष्ट्रीय/घरेलू), प्रशासनिक,सेवा,श्रम कानून, कर कानूनों के क्षेत्र में वकालत की तथा विभिन्न निकायों का जैसे कि केंद्र सरकार, एसबीआई,दूरसंचार विभाग, बीएसएनएल,कर्मचारी राज्य बीमा निगम,आयकर विभाग प्रतिनिधित्व किया। न्यायमूर्ति रोहित आर्य 16 सितम्बर 2013 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा 26 मार्च 2015 को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किये गये एवं 27 अप्रैल, 2024 को रिटायर हुए।

ऐसे सुर्खियों में आए न्यायमूर्ति रोहित आर्य

2021 में जस्टिस आर्य ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोपी कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और नलिन यादव को जमानत देने से इनकार कर दिया था।अपने आदेश में,उन्होंने इस बात को कहा कि संविधान के मुताबिक धार्मिक,भाषाई,अनुभागीय और क्षेत्रीय विविधताओं (अनुच्छेद 51 ए (ई) और (एफ) के तहत) के बावजूद सद्भाव और सामान्य भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना प्रत्येक नागरिक और राज्य का संवैधानिक कर्तव्य है।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के सामने हाल ही में रेत माइनिंग से जुड़ा एक मामला सामने आया। इस मामले की सुनवाई का वीडियो वायरल हो रहा है। सुनवाई कर रहे जस्टिस रोहित आर्य इतने नाराज हुए कि खनन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को सुधरने की चेतावनी देते हुए यहां तक कह दिया कि तुम चपरासी बनने के लायक नहीं हो और जेल भेजने की चेतावनी दे डाली थी।