जनमत भास्कर छिंदवाडा:-मुझे निरीक्षण के दौरान सीने में तकलीफ हुई और मैं छिंदवाडा आ गया। यहां पर विवांता अस्पताल में मुझे भर्ती कराया गया। डॉ जुनेजा ने जब मेरी जांच की तो वे हैरान थे।मेरा एक वाल्व चोक हो चुका था। जिस तरह से इस अस्पताल ने मेरी जान बचाई है,उससे ये लगा कि अब नागपुर जाने की जरूरत नहीं बची। हम अपने घर यानी छिंदवाडा के विवांता अस्पताल में ही इस गंभीर हार्ट की बीमारियों का उपचार करवा सकते है।ये कहना था तामियां के सीईओ का। वे कुछ दिन पहले सीने में दर्द की शिकायत के चलते विवांता में भर्ती हुए थे।
तामिया के सीईओ को निरीक्षण के दौरान अचानक सीने में दर्द उठा और उन्हें छिंदवाडा के विवांता अस्पताल लाया गया।दरअसल उनके परिजनों को इस बात की जानकारी थी कि विवांता में हार्ट से संबंधित तमाम बीमारियों का उपचार आधुनिक और उच्च तकनीक की मशीनों की सहायता से किया जाता है।उनका उपचार शुरु हुआ।डॉ जुनेजा ने उनका परीक्षण किया तो पाया कि एक वाल्व पूरी तरह चोक हो चुका था।उन्हें सर्जरी की आवश्यकता थी।पहले तो एंजियोग्राफी करवाई गई और जब पूरी बीमारी का पता चला तो एंजियोग्राफी कर दी गई। इससे न केवल सीईओ की जान बची बल्कि अब वे पूरी तरह स्वस्थ भी है।वे अपने उपचार को लेकर खुश है। उन्होने बताया कि जिस तरह से उनका उपचार यहां किया गया उससे ये लगने लगा कि अब नागपुर की आवश्यकता नहीं है।दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए विवांता बेहतर अस्पताल है। अक्सर इस बीमारी को लेकर लोग नागपुर जाते है।भारी भरकम बिल और रहने की परेशानियों का सामना मरीजों के परिजनों को वहां करना पडता है,जो सुविधाएं यहां पर विवांता अस्पताल में मिल रही है उससे ये तय हो गया कि अब दिल के मरीजों के लिए यहां बेहतर चिकित्सकों की मदद से अच्छा उपचार किया जाता है।