सिंगोड़ी सरकारी अस्पताल में ऑनलाइन होता है मरीज का उपचार…सिंगोड़ी अस्पताल में डॉक्टर नहीं… प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा हसिंगोड़ी:-अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के सिंगोड़ी में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे इन दिनों सरकारी सेवाएं बदहाल है आलम यह है कि यहां ऑनलाइन ईलाज किया जाता हैं। और नर्स के द्वारा दबाई का वितरण किया जाता है सूत्र बताते हैं कि यहां पर एक सप्ताह में दो बार डॉक्टर सेवाएं देने आते हैं शनिवार और मंगलवार को डॉक्टर सिंगोड़ी अस्पताल में सेवाएं देने पहुंचते हैं। जानकारी अनुसार बाकी के दिनों में नर्स भरोसे अस्पताल की व्यवस्था रहती है यहां पर पहुंचने वाले कई मरीज को ऑनलाइन ईलाज कर दवाई गोली का वितरण किया जाता है यह समस्या पहले की नही है महत विगत कुछ दिनों से ही बनी हुई है लेकिन इस और किसी भी जिम्मेदार चिकित्सा अधिकारी का ध्यान नहीं है। आखिर कब तक ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ेगा स्वास्थ्य सुविधा के लिए सरकार तमाम प्रयास करती है ताकि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा अच्छी रहे लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सरकार की मनसा पर पानी फेरते हुए दिखाई दे रहे हैं ऐसा ही एक मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिंगोड़ी में देखने को मिला जहां एक महिला उपचार करने के लिए अस्पताल पहुंची थी लेकिन डॉक्टर नहीं होने के कारण महिला का ऑनलाइन देखकर डॉक्टर द्वारा ईलाज किया गया और महिला को बोतल भी लगाई गई और दवाई का भी वितरण किया गया।
लगभग 40 गांव से भी अधिक लोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर है निर्भर
सिंगोड़ी सहित आसपास के लगभग 40 गांव के लोग इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है किंतु अनेकों बार ज्ञापन आवेदन और धरना आंदोलन करने के बाद भी इतने बड़े क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं शून्य है किसी परिवार का व्यक्ति यदि सीरियस हो जाए तो उसे छिंदवाड़ा और अमरवाड़ा अस्पताल ले जाने को मजबूर होना पड़ता है किंतु सरकार कितने ही दावे कर ले सिंगोड़ी में स्वास्थ्य व्यवस्था ठप्प है।
पहले 80 से ज्यादा महिलाओं की डिलीवरी होती थी, अब 30 से 40
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिंगोड़ी का केंद्र इतना बड़ा है कि पहले यहां 80 से भी अधिक महिलाओं का प्रसव इसी केंद्र में हो जाता था।जिसकी गिरावट अब आधी हो गई है और अब महज 40 डिलीवरी ही यहा हो पा रही है जो कि डॉक्टर के नही रहने से यहां की व्यवस्था पूर्णतः चरमरा सी गई है।
डॉक्टर नहीं है यहां पर मरीजों का उपचार ऑनलाइन होता हैं
लगातार मीडिया के माध्यम से यहां की अव्यवस्थाओं को लेकर खबरों को दिखाया गया शासन प्रशासन द्वारा कुछ समय के लिए डॉक्टर की व्यवस्था कर दी जाती है किंतु उसके बाद कुछ दिन बीतते है और डॉक्टर ही गुल हो जाते है वर्तमान में डॉक्टर के नही होने से मरीज दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है जिसका खामियाजा क्षेत्र की भोली भाली जनता को भोगना पड़ रहा है।