नरवाई न जलाने हेतु कृषकों को जागरूक करने के लिये नरवाई प्रबंधन रथ हुआ रवाना

जनमत भास्कर छिन्दवाड़ा :- कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा सोमवार को कलेक्टर कार्यालय से खरीफ फसल नरवाई प्रबंधन जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर जिले में प्रचार-प्रसार के लिये रवाना किया गया। उन्होंने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि नरवाई न जलाते हुए उसका उचित प्रबंधन किया जाये।

उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह एवं सहायक कृषि यंत्री छिंदवाडा समीर पटेल ने जानकारी दी कि जागरूकता रथ जिले में अधिक नरवाई जलाने वाले क्षेत्रों में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कर जागरूकता फैलायेगा,उन्होंने बताया कि जिले में मक्का, गेहुँ,गन्ना,सोयाबीन आदि की फसल आने के बाद खेत में बची नरवाई को जलाते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी से खेत की ऊर्वरा शक्ति कम होती है। पोषक तत्व नष्ट होते है । फसलों की पैदावार कम होती है। जमीन में लाभदायक जीवाणुओं की क्रियाशीलता कम हो जाती है। जमीन में केंचुओं की संख्या कम हो जाती है । इसके साथ ही प्रशासन की तरफ से नरवाई जलाने में कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है….उन्होंने सभी किसानों से कृषि अभियांत्रिकी, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग एवं जिला प्रशासन छिन्दवाड़ा की तरफ से अपील की है कि खेत में बची नरवाई को न जलायें, इसके प्रबंधन के लिये रोटावेटर,मल्चर,श्रेडर,सुपर सीडर जैसे आधुनिक यंत्रों की मदद से जमीन में मिला दें । बची नरवाई को स्ट्रारीपर जैसे यंत्रों की मदद से भूंसा बना लें।खड़ी नरवाई में हैप्पी सीडर, सुपर सीडर,जिरोटिल, सीडड्रिल जैसे यंत्रों के माध्यम से अगली फसल की सीधी बोआई करें । उन्होंने बताया कि नरवाई प्रबंधन से मृदा की जलधारण क्षमता बढ़ती है। मृदा में जीवांश की मात्रा बढ़ती है। मृदा का उपजाऊपन बढ़ता है जिससे उत्पादन बढ़ता है एवं पशुधन के लिये आहार की उपलब्धता होती है।

इस कार्यक्रम में महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित ए.के.जैन,उप संचालक पशु पालन एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार,उप संचालक उद्यानिकी विभाग एम.एल. उइके, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.ध्रुव श्रीवास्तव,सहायक संचालक धीरज ठाकुर,श्रीमती सरिता सिंह,दीपक चौरसिया,सचिन जैन,नीलकंठ पटवारी, श्रीमती अंकिता धोटे,उप यंत्री कृषि अभियांत्रिकी श्रीमती अश्विनी सिंह एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।