जनमत भास्कर छिन्दवाड़ा:- मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक अति महत्वपूर्ण पत्र लिखकर आउटसोर्स,अस्थाई व अंशकालीन कर्मचारियों के हितों की आवाज उठाई है। कर्मचारियों का प्रदेश सरकार के द्वारा किए जा रहे शोषण पर तत्काल विराम लगाने व उनकी मांगों को अविलम्ब पूरा करने हेतु कमलनाथ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
कमलनाथ ने अपने अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक में उल्लेख किया कि प्रदेश में आउटसोर्स,अस्थाई व अंशकालीन कर्मचारियों को पुनरीक्षित न्यूनतम वेतन पर लगी वैधानिक रोक हटाये जाने के उपरांत बढ़ी हुई दरों पर 01 अप्रैल 2024 से एरियर सहित भुगतान,आउटसोर्स कर्मियों को विभाग से वेतन भुगतान कराने,पंचायतों के चौकीदार, भृत्य,पम्प ऑपरेटर, स्कूलों-छात्रावासों के अंशकालीन कर्मचारियों,योग प्रशिक्षकों सहित न्यूनतम वेतन के दायरे से बाहर सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिलाने तथा सभी विभागों के आउटसोर्स व अस्थाई कर्मियों का कार्यरत विभागों में लघु कैडर बनाकर नियमित कर ठेका प्रथा समाप्त करने के साथ ही विभिन्न मांगों का निराकरण अविलम्ब किया जावे।
पूर्व सीएम कमल नाथ ने अपने पत्र में आगे लिखा कि प्रदेश के अनेकों विभागों में शासकीय कार्य का एक बड़ा हिस्सा आउटसोर्स,अस्थाई व ठेका कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है इसीलिये उनका विभागीय कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान है,क्योंकि शासकीय कर्मचारियों के अभाव में इन्हीं कर्मचारियों के द्वारा कार्य पूर्ण किए जा रहे। शासकीय संस्थाओं में आउटसोर्स व अस्थाई कर्मचारी अपना कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ संपादित कर रहे हैं।
कमल नाथ ने अपने पत्र के अंत में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अनुरोध पूर्वक कहा कि समस्त आउटसोर्स, अस्थाई व अंशकालीन कर्मचारियों के व्यापक हितों को दृष्टिगत रखते हुए, मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए शासन स्तर पर उनकी मांगों को पूरा करने हेतु शीघ्र निर्णय लें ताकि प्रदेश के समस्त आउटसोर्स,अस्थाई व अंशकालीन कर्मचारी पूर्ण मनोबल एवं सम्मान के साथ शासकीय कार्य को पूरा करें।