जनमत भास्कर छिंदवाड़ा:-राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 20 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत् लगभग 32000 कर्मचारी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएँ सुचारू रूप से देते आ रहे हैं। कोरोनाकाल जैसे गंभीर महामारी में भी अपने परिवार एवं जीवन की परवाह किए बगैर सेवाएँ दी हैं।इन्हीं सेवा-भाव को दृष्टिगत रखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिनांक 04.07.2023 को भोपाल में महापंचायत बुलाकर संविदा कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएँ की थी। जिसके परिपालन में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23.07.2023 को संविदा कर्मचारियों के लिए एक नीति की सौगात दी गई,परन्तु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के द्वारा संविदा कर्मचारियों को दी गई सुविधाओं में कटौती की गई है, जो निम्नानुसार है:-
1.विभाग में रिक्त पदों पर संविलियन किया जाकर, नियमित किया जावे।
2.पूर्व से दी जा रही सुविधाओं में ई. एल. एवं मेडिकल को पृथक कर दिया है।
3.अनुबंध प्रथा को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया है।
4.अप्रेजल जैसी कुरीति को यथावत रखा गया है।
5.सेवा निवृत्ति की आयु में 65 वर्ष से घटाकर 62 वर्ष किया गया है।
6.एन.पी.एस., ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य बीमा एवं डी.ए. की सुविधा से वंचित रखा गया है।
7.शासन द्वारा समकक्षता (वेतन विसंगति) का निर्धारण गलत तरीके से किया गया
है, जिसमें पुनः विचार कर संशोधन किया जावें।
8.निष्कासित सपोर्ट स्टॉफ एवं मलेरिया एमपीडब्ल्यू की एनएचएम में वापसी।
जिसके चलते दिनांक 23.03.2025 को सभी जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा ठेंगढ़ी भवन,भोपाल में बैठक आयोजित कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की जायज उक्त माँगों का शीघ्र ही निराकरण नहीं किया जाता है तो समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रदेश स्तरीय चरणबद्ध आन्दोलन करने हेतु बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। और चरणबद्ध आंदोलन भी किया जाएगा।
ऐसा होगा चरणबध्द आंदोलन
1:-दिनांक 01.04.2025 को प्रदेश के सभी जिलों में प्रेसवार्ता के माध्यम से शासन/विभाग को अवगत कराया जाएगा।
2:-दिनांक 07.04.2025 से कार्यालय में समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा विरोध स्वरूप काली पट्टी बाँधकर कार्य करेंगे।
3:-दिनांक 16.04.2025 को रैली निकालकर,जिला स्तर पर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपेंगे।
4:-दिनांक 21.04.2025 से प्रदेश के समस्त 32,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
उक्त सभी बिन्दुओं के निराकरण नहीं होने से प्रदेश के समस्त संविदा कर्मचारियों
में आक्रोश व्याप्त है तथा आन्दोलन की राह की ओर जाने को विवश होंगे,जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन/प्रशासन की होगी।