जनमत भास्कर छिन्दवाड़ा:– लोकतंत्र की मर्यादा व मजबूती के लिये निष्पक्ष चुनाव होना अति आवश्यक है,किन्तु वर्तमान सरकार में निर्मित हुये परिदृश्य ने निष्पक्ष चुनाव पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। अमरवाड़ा विधानसभा उप चुनाव के दौरान सत्ता के दबाव में प्रशासनिक तंत्र ने सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया का गला घोंटकर कांग्रेस के विजय प्रत्याशी को पराजित करने का काम किया जिसे जनता अभी तक भूल नहीं पाई है,इसीलिये कांग्रेस ने कलेक्टर को ज्ञापन प्रस्तुत कर निगम अध्यक्ष पद के लिये होने वाले चुनाव में निष्पक्षता की मांग रखी।

कांग्रेस ने अपने प्रस्तुत ज्ञापन के माध्यम से कहा कि दिनांक 8 अक्टूबर दिन मंगलवार को नगर पालिक निगम अध्यक्ष पद हेतु होने जा रहे चुनाव को निष्पक्ष सम्पन्न कराया जाये। मप्र नगर पालिक अधिनियम 1956 के अनुसार लाये गये अविश्वास प्रस्ताव का विनिश्चय गुप्त मतदान द्वारा किया जावे। अविश्वास प्रस्ताव में मतदान हाथ उठाकर किया जाता है तो उसे अवैधानिक माना जावे। अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के मतदान हेतु एक ही पेन का उपयोग किया जावे साथ ही अश्विवास प्रस्ताव उपधारा (2) के अधीन उस प्रयोजन के लिये विशेष रूप से बुलाये गये सम्मेलन में उपस्थित तथा मदान कराने वाले निर्वाचित पार्षदों के दो तिहाई बहुमत से स्वीकृत होना चाहिये और ऐसा बहुमत निगम का गठन करने वाले निर्वाचित पार्षदों की कुल संख्या के आधे से अधिक होना चाहिये।

कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर से मांग की कि अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव की वीडियो रिकॉर्डिंग होना चाहिये एवं इसकी एक प्रति प्रत्येक पार्षद को उपलब्ध कराना सुनिश्चत किया जाये।

ज्ञापन प्रस्तुत करते समय जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे,प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष गंगाप्रसाद तिवारी,शहर कांग्रेस समन्वयक आनंद बक्षी,निगम अध्यक्ष सोनू मागो,पार्षद मंजू बैस,संगीता मुन्ना पवार,हर्षा अम्बर दाड़े,सरला आशुतोष श्रीवास्तव,राहुल मालवीय, टिंकू राय,तरूण कराड़े, आकाश मोखलगाय,अनुराग सराठी,नदीम अहमद,नौशीन शोभी कुरैशी,सरिता चिंटू काले,श्रद्धा बबला माहोरे, नितिन उपाध्याय,प्रबल सक्सेना सहित कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।