जनमत भास्कर छिंदवाड़ा:-अपर सत्र न्यायालय जुन्नारदेव के द्वारा थाना नवेगांव के विशेष प्रकरण क्रमांक 27/2024 व अपराध क्रमांक 124/2024 के आरोपी राजेन्द्र पिता सुखराम भारती उम्र 20 वर्ष को पॉक्सो एक्ट की धारा 5(L)/6,में आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) तथा 5000 रूपये का अर्थदण्ड एवं धारा भारतीय न्याय संहिता की धारा 137 (2) एवं 96 में 5-5 वर्ष का सश्रम कारावस एवं 5000-5000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।पीडिता को 2 लाख रूपये प्रतिकर प्रदान किया गया।
मध्यप्रदेश शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती गंगावती डेहरिया ने प्रकरण में पैरवी की।
घटना का संक्षिप्त विवरण
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि घटना दिनांक 14/07/2024 को थाना तामिया जिला छिन्दवाडा मध्यप्रदेश में इस आशय की सूचना दी कि उसकी पुत्री जो 13 वर्ष 05 माह आयु की है। दिनांक 01/07/2024 को यह परिवार सहित विवाह कार्यक्रम में गया हुआ था। रात्रि करीब 11:00 बजे जब वह वापस लौट रहा था तब पीडिता विवाह कार्यक्रम में नहीं दिखाई दी।उसने आसपास अपने रिश्तेदारों में तलाश किया किन्तु पीडिता नहीं मिली,कोई अज्ञात व्यक्ति उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया उक्त सूचना के आधार पर पुलिस थाना तामिया द्वारा गुमशुदगी लेखबद्ध कर पुलिस द्वारा विवेचना की गई थी। विवेचना के दौरान दिनांक 29/09/2024 को पीडिता को दस्तयाब किया गया था। तब पीडिता ने बताया कि आरोपी को वह पहले से जानती जानती पहचानती है। घटना दिनांक को वह शादी वाले घर से अकेले ही वापस आते समय पीडिता को पुलिया के पास आरोपी मिला और उसे बोला कि मैं तो तेरे से ही शादी करूंगा कहकर जबरदस्ती बहला फुसला कर अपने साथ घुमने ले गया और वहां से सीहोर लेकर चला गया,दूसरे दिन सीहोर पहुचने पर वहां गार्डन का काम चल रहा था वहां पर अपने साथ करीब दो महिने तक टीन के टपरे में मुझे अपने साथ रखा और मेरे मना करने के बावजूद मेरे साथ दो तीन बार जबरदस्ती गलत काम (बलात्कार) किया है और कहता था कि मैं तुझसे शादी कर लूंगा..फिर आरोपी पीडिता को सीहोर से इक्षावर लेकर चला गया वहां पर मंदिर व गार्डन बनने का काम चल रहा था तब पीडिता को पता चला कि मेरे पापा ने थाना तामिया में रिपोर्ट की है तब मैं पुलिस के साथ थाना तामिया आई।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश जुन्नारदेव द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दंडित किया गया एवं पीडिता को 2 लाख रूपये प्रतिकर देने के लिये विधिक सहायता प्राधिकरण को आदेशित किया।