जिले के दो शिक्षकों को कल मिलेगा राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान

प्राथमिक शिक्षक राकेश कुमार मालवीय और उच्च माध्यमिक शिक्षक श्रीमती अमिता शर्मा की विद्यार्थियों के प्रति कर्तव्यनिष्ठा एवं समर्पण ने दिलाई अलग पहचान

विभिन्न नवाचारों द्वारा भी बढ़ाया विद्यार्थियों का ज्ञान

जनमत भास्कर छिंदवाड़ा:-बच्चे कच्ची मिट्टी के समान होते हैं,गीली मिट्टी को हम जैसा चाहें वैसा आकार दे सकते हैं। बच्चों को जैसी शिक्षा और संस्कार मिलते हैं, उनका व्यक्तित्व वैसा ही बनता है। बच्चों को अच्छी शिक्षा व संस्कार देकर उनका व्यक्तित्व संवारने का कार्य हमारे शिक्षक करते हैं। इसीलिए गुरुओं को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। गुरु के लिए लिखा गया संत कबीर दास का दोहा सबसे मशहूर है – “गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।। ” जिले के लिए हर्ष का विषय है कि जिले के शिक्षक विद्यार्थियों के प्रति अपनी कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण की मिशाल पेश करते हुए गुरु होने का असली फर्ज निभा रहे हैं उनके इसी समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें एक अलग पहचान दिलाई है और शिक्षक दिवस 05 सितंबर 2024 के अवसर पर स्वर्ण जयंती हॉल प्रशासन अकादमी भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2024 में इन शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। राज्य स्तरीय सम्मान से सम्मानित होने वाले ये शिक्षक राकेश कुमार मालवीय प्राथमिक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला कौआखेड़ा, जो वर्तमान में शासकीय बालक उमावि चांद में पदस्थ हैं और श्रीमती अमिता शर्मा उच्च माध्यमिक शिक्षक शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय छिंदवाड़ा हैं। इस वर्ष का राज्य स्तरीय पुरुस्कार प्रदेश के राज्यपाल महोदय द्वारा दिया जाएगा।

कलेक्टर शीलेंद्र सिंह,जिला शिक्षा अधिकारी जी.एस.बघेल और जिला परियोजना समन्वय जिला शिक्षा केंद्र जगदीश इडपाचे ने जिले के दोनों शिक्षकों की सराहना की है और उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। जिले के लिए गौरव की बात है कि इस वर्ष के राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के लिए पूरे प्रदेश से कक्षा 1 से 8 तक (प्राथमिक/माध्यमिक) की श्रेणी में 8 शिक्षकों और कक्षा 9 से 12 तक (उच्चतर माध्यमिक) की श्रेणी में 6 शिक्षकों का चयन किया गया है,जिनमें दोनों श्रेणियों में छिंदवाड़ा जिले के 01 – 01 शिक्षक शामिल हैं।

उच्च माध्यमिक शिक्षक श्रीमती अमिता शर्मा के प्रयास, जिनसे बनीं वे खास

श्रीमति अमिता शर्मा एक उत्साही कर्तव्यनिष्ठ एंव समर्पित शिक्षिका हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाते समय उत्साह के साथ शिक्षण कार्य करती हैं। इनके द्वारा पढ़ाये गये छात्र ने जिले की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त किया है और कुछ छात्र नीट में भी चयनित हुए हैं।विद्यालय में खाली जमीन में जैव – विविधता गार्डन का निर्माण करवाकर वनस्पति विज्ञान का व्यावहारिक शिक्षण कराया जा रहा है,साथ ही संकटापन्न पादप प्रजातियों का संरक्षण एवं संवर्धन भी किया जा रहा है। अध्यापन कार्य में इंट्रेक्ट पेनल, स्मार्ट क्लास, मॉडल, खुद के बनाये चार्ट एवं फ्लेक्स का उपयोग करते हुये विगत 04 वर्षों से 100 प्रतिशत परिणाम प्राप्त कर रही हैं। संस्था में नवाचार करते हुये आपदा प्रबंधन के लिए रेस्क्यू टीम का निर्माण किया, जागरूकती प्रदर्शनी लगाई तथा शिक्षकों के प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर एंव जिला स्तरीय नोडल के दायित्वों का निर्वहन सफलतापूर्वक किया। संस्था में भाषा एवं किताबों के महत्व को समझाने के लिए भाषायी मेले का आयोजन कर विद्यार्थियों को भाषा एवं पुस्तकों के अध्ययन की तरफ रूचि पैदाकर महत्व समझाने का कार्य किया। शालेय पत्रिका नई दिशायें के पुनः मुदण प्रारंभ करवाया और सहसम्पादन का कार्य किया। छात्राओं के लिए कुछ विशेष प्रबंधन करवाये, बोर्ड परीक्षा में सहायक मूल्यांकन अधिकारी, जीवविज्ञान एवं विज्ञान के जिला स्तरीय प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर का कार्य किया । संस्था में आयोजित होने वाली विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में संचालन एवं प्रबंधन कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्रीमती शर्मा विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण में दक्ष हैं और विद्यार्थियों से गहरा जुड़ाव रखती हैं।

प्राथमिक शिक्षक राकेश कुमार मालवीय के प्रयासों ने शाला के अधोसंरचना विकास और शैक्षणिक उन्नयन में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका, शाला को मिली “सेल्फ ऑपरेटर स्कूल ” की उपमा

प्राथमिक शिक्षक श्री मालवीय ने शासकीय प्राथमिक शाला कौआखेड़ा में नियुक्ति के दौरान शाला के अधोसंरचना विकास और शैक्षणिक उन्नयन के लिए अथक प्रयास किए। पालकों से जीवंत सम्पर्क रखा, जिससे शाला त्यागी बच्चों की संख्या शून्य रही। उनके द्वारा पूरी लगन से गुणवत्तापूर्वक नियमित शिक्षण कार्य कराया गया, जिससे ग्रामीण जन प्रेरित हुए और अपने रिश्तदारों के बच्चों के नाम भी इस शाला में दर्ज कराए, जिससे शाला की दर्ज संख्या अधिकतम रही और प्रतिवर्ष शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम प्राप्त हुआ। शाला व कक्ष के वातावरण सुधार के लिए आकर्षक व प्रिंट रिच बनाने के लिए बिल्डिंग एज लर्निंग एड की तर्ज पर कक्षों को तैयार कराया। वृक्षारोपण कर भारत स्काउट गाइड उद्यान की स्थापना की, जिससे परिसर रुचिकर बना। पुस्तकालय की भी स्थापना की गई। नवाचार कर सहायक शिक्षण सामाग्री जैसे:- बिल्डिंग की दीवार व छत को प्रिंट रिच बनाना, गोल चक्र व गणितीय अवधारणाओं के टी.एल.एम. निर्माण, कठपुतली द्वारा आकर्षण पैदा करना, न्यूनतम मूल्य के कार्ड/बोर्ड से शिक्षण सामग्री का निर्माण, प्रांगण के फर्श का प्रयोग कौशल विकास में किया गया। जनसहयोग से कम्प्यूटर क्रय कर छात्रों के तकनीकी ज्ञान में वृद्धि की और मिट्टी के मॉडल तैयार कर बच्चों को विज्ञान के मॉडल बनाना सिखाया। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए पाठ्य सहगामी क्रियाएं जैसे स्काउट गाइड के दल, नेचर क्लब, वृक्षारोपण, प्रार्थना सभा, योग-व्यायाम, स्वास्थ्य शिविर, शैक्षिक भ्रमण पर्व व जयंतियां मनाना, बाल कैबिनेट को सक्रिय रखना आदि प्रारंभ की और उन्हें जारी रखा। फलस्वरूप विद्यालय के पं. जवाहर लाल नेहरु कब पैक को प्रदेश का प्रथम आदर्श दल का पुरुस्कार प्राप्त हुआ है। भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए पालक शिक्षक संघ की सहमति से विद्यालय में गाँधी टोपी शुरु की गई है। स्कूल में बसन्त पंचमी, नाग पंचमी व अन्य स्थानीय त्यौहार मनाये जाते हैं। अच्छी आदतों के विकास के लिए हाथ धुलाई का स्थानीय इक्यूपमेंट ‘ कड़ी तिपाई ‘ ने प्रदेश स्तर पर नाम कमाया है। छात्रों को जन जागरुकता व गाजर घास उन्मूलन जैसे कार्यों से जोड़ा। विद्यालय में जनसहयोग से शौचालय, बाउंड्रीवाल-गेट, फर्नीचर, कलामंच, सरस्वती प्रतिमा का निर्माण किया गया है। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा अपनी पत्रिका में विद्यालय को ‘सेल्फ ऑपरेटर स्कूल’ की उपमा दी गई है।