जनमत भास्कर छिंदवाड़ा:- न्यायालय अतिरिक्त अपर सत्र न्यायाधीश सौंसर जिला- छिन्दवाडा द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 18/2018 थाना लोधीखेडा के अपराध कमांक-14/2018 के आरोपीगण 1. शिवा पिता रामजी त्रिपाठी,उम्र 34 साल, निवासी पातालेश्वर वार्ड कमांक 20. थाना-कुण्डीपुरा जिला-छिंदवाडा 2. अरविंद पिता सुरेश उईके,उम्र 29 साल,निवासी गीतांजली कॉलोनी,वार्ड नंबर 21 थाना-कुण्डीपुरा, जिला-छिंदवाडा 3. आदित्य उर्फ आसू पिता राजेन्द्र कुमार सराठे,उम 29 साल,गीतांजली कॉलोनी,वार्ड नंबर 21 थाना कुण्डीपुरा,जिला-छिंदवाडा को धारा 302 सहपठित धारा 120 बी भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000/- रू का अर्थदंड,धारा- 201 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/- रू अर्थदंड एवं धारा 404 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3000/-रू का अर्थदंड से एवं आरोपी संदीप को धारा 302 सहपठित धारा 120 बी भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000/-रू का अर्थदंड एवं धारा- 201 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/- रू का अर्थदंड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से संदीप मेश्राम अपर लोक अभियोजक सौंसर एवं अखिल कुमार कुशराम विशेष लोक सौंसर जिला-पाढुर्णा के द्वारा पैरवी की गई।
क्या था पूरा घटनाक्रम
अपर लोक अभियोजक सौंसर संदीप मेश्राम ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी शिवा त्रिपाठी…मृतक अतुल आवलापानी के साथ प्रापर्टी का व्यवसाय करता था एवं अतुल आवलापानी के साथ में ही रहता था,कुछ समय पश्चात शिवा त्रिपाठी,मतृक अतुल आवलापानी के साथ सट्टे का काम करने लगा इस दौरान आरोपी शिवा ने मृतक अतुल आवलापानी से 30 लाख रू उधारी में लिया जिसे वह सट्टा में हार गया था,जब मृतक अतुल आवलापानी, शिवा त्रिपाठी से 30 लाख रू वापस मांग रहा था तब आरोपी शिवा त्रिपाठी मृतक अतुल को 30 लाख रू वापस ना करने के इरादे से अपने साथी आदित्य सराठे, संदीप विश्वकर्मा एवं अरविंद उइके के साथ मृतक अतुल के हत्या की योजना बनाया तथा योजना अनुसार दिनांक 08/01/2018 को आरोपी शिवा अपने साथी आरोपी आदित्य सराठे,संदीप विश्वकर्मा एवं अरविंद उइके के साथ एक टोयटा कार कमांक एमएच 40 केआर 7313 कमल लालवानी से मांग कर ले गये और ये चारों आरोपीगण सुभाष चौक नागपुर से मृतक अतुल आवलापानी को झांसा देकर ढोढयाबोरगांव और छीतापार के बीच जंगल किनारे ले गये और उसकी हत्या कर दिये।जिस संबंध में आरोपीगण के विरूद्ध थाना लोधीखेडा में अपराध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में विवेचना निरीक्षक जी.एस. उइके द्वारा की गई एवं विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया विचारण के दौरान न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दोषसिद्ध पाते हुये दंण्डित किया गया।