मौन धारण कर दी गई श्रद्धांजलि
छिंदवाड़ा:- शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभाजन के दौरान विस्थापित हुए परिवारों के सदस्यों को आमंत्रित किया गया , जिन्होंने उस समय की विभीषिका से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया। कार्यक्रम में एडीएम के.सी. बोपचे, एसडीएम सुधीर जैन, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती ज्योति ठाकुर, नगर निगम कमिश्नर सी.पी.राय सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरुआत 2 मिनट के मौन के साथ हुई, जिसमें उपस्थित सभी लोगों ने देश के विभाजन के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद विभाजन की विभीषिका पर आधारित फिल्म का प्रसारण यू ट्यूब के माध्यम से किया गया, जिसने उस समय की त्रासदी को जीवंत कर दिया। फिल्म के माध्यम से बताया गया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के अनुसार 14 अगस्त 2021 से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस भारत - पाक बंटवारे में मारे गए लोगों की याद में मनाया जाता है। भारत के विभाजन से करोड़ों लोग प्रभावित हुए थे और 5 से 10 लाख लोग मारे गए थे।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर छिंदवाड़ा निवासी डॉ. सुनेजा ने अपने विभाजन के समय के अनुभवों को साझा किया। उस समय वे लगभग 5 वर्ष के थे। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उनके परिवार को अपने घर और जमीन से बेदखल होना पड़ा और किस तरह से उन्होंने नई जिंदगी की शुरुआत की। उनके संस्मरण ने उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया। उनके अलावा उपस्थित सर्वश्री रमेश मिगलानी, विजय मनवानी, राजेश दारा जुनेजा, घनश्याम पंजवानी, किशनलाल मिगलानी व डॉ.कृष्णा हरजानी ने भी प्रभावित परिवार के अनुभव साझा किए। उन्होंने विभाजन के समय की कठिनाइयों, संघर्षों और परिवार की नए सिरे से जीवन शुरू करने की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
कलेक्टर श्री सिंह ने भी इस अवसर पर एक संवेदनशील और प्रेरक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि विभाजन की त्रासदी न केवल उन लोगों के जीवन पर गहरा असर छोड़ गई, बल्कि यह हमें याद दिलाती है कि शांति और सद्भावना कितनी महत्वपूर्ण है। उन्होंने विभाजन के दौरान विस्थापित हुए लोगों के धैर्य और साहस की सराहना की और उनके अनुभवों से सीख लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम में सिंधी समाज की ओर से अध्यक्ष श्री बंटी लालवानी, श्री दुर्गादास नोतानी एवं श्री पूरन राजलानी, पंजाबी समाज की ओर से अध्यक्ष श्री सुनील बतरा, श्री बल्देव मिगलानी व पीताम्बर डोडानी सहित प्रभावित परिवारों के अन्य सदस्य व गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।